Dr. Suresh Awasthi शिक्षक ने छात्र से पूछा, 'चोर चोर मौसेरे भाई' मुहावरे का अर्थ बताइये छात्र बोला सर ताजा ताजा उदाहरण है गौर फरमाइए अभी अभी हाल में टैगोर व मुखर्जी के बंगाल में एक चोर को बचाने के लिए रास्ट्रीय दीदी सिंहासन छोड़ कर संविधान की टांग तोड़ कर मैदान में...
डा राकेश कुमार सिंह, साहित्यकार एवम कवि कई वर्षों बाद एक सप्ताह के लिए अपने पुराने शहर जाने का सौभाग्य मिला। वहीं हॉटल के पास एक कब्र थी जिसपर प्रतिदिन एक व्यक्ति फूल चढ़ाता था। उत्सुकतावश मैं पूछ बैठा कि "यह...
Mohini Tiwariमोबाइल स्क्रीन ने ब्लैकबोर्ड से की ठिठोली इतराती अदाओ संग बड़े ताव से बोली अरे बुद्धू! तुम्हारा गुजर गया दौर अब सब देख रहे मेरी ओर तुम स्कूलों में पड़े धूल फाँक रहे हो व्यर्थ ही खुद को मुझसे आँक रहे हो पहले मैं...
विशेष रिपोर्ट पाने के लिए एक tv चैनल का रिपोर्टर एक टॉपर छात्र के पास पंहुचा। छात्र ने कैमरे के सामने बोलने से मना कर दिया । रिपोर्टर ने तब लिखित सवाल जवाब किये । रिपोर्टर -"टॉपर बन कर आपको...

व्यंग्य

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Dr. Suresh Awasthi अ अगड़ा ब पिछड़ा स अति पिछड़ा द तगड़ा चारों ने इक दूजे को भाषण के चिमटे से पकड़ा फिर जम कर रगड़ा जनता समझ न पाई लफड़ा किसका भारी है पलड़ा पागल सी हो फाड़े कपड़ा चुनाव बाद न कोई अगड़ा न कोई पिछड़ा हर कोई तगड़ा फिर काहे का...
''पुराने कैलेंडर से नये पर उतारा दूध का हिसाब। अलमारी में रख दी बीत चुके साल के त्योहारों की किताब। पहले व्यापारिक मित्रों को शुभ कामना संदेश भेजा। फिर पहचान वालों को सहेजा। जोड़ी-घटाई दुनियादारी। बस हो गयी नये साल के स्वागत की तैयारी।'' आम आदमी से पूछा, नये साल...
Dr. Suresh Awasthi क्या करेगा चांद, क्या करेगी चांदनी? कविता की यह पंक्ति कई बार विशेष स्थितियों में याद आती है? उस दिन एक ठेकेदार साहब के संग बैठने का मौका मिला। सड़क बनाने के ठेके की डील हो रही...
Dr. Rakesh Kumar Singh "Indian weddings and festivals", that is the answer of any tourist in India, if asked, "What do you like in India"? And what they like in Indian marriages? He will simply answer "street dance by baratis...
Dr. Suresh Awasthi कुछ लोग गांधी पर बहस कर रहे थे एक बोला गांधी महान थे राजनीतिक उठा पटक से दूर सच्चे इंसान धे उन्होंने चलाया आन्दोलन सत्याग्रह स्वदेशी इसी लिये गाधी थे पक्के कांग्रेसी। दूसरा बोला गांधी जी ने दलितों को गले लगाकर उन्हे हरिजन की पदवी दिलवाई इससे...
Dr. Suresh Awasthi गुरुदेव जब दो दिनों तक गुरुकुल नहीं आए तो दो शिष्य उनकी कुटी में पहुंचे। वहां उन्हें जो दिखा व जोर का झटका धीरे से लगाने वाला था। गुरुदेव तख्त पर पालथी मारे ध्यानमुद्रा में बैठे थे।...

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