Dr. Rakesh Kumar Singhतेज धूप
पसीने से लथपथ
भूख से बेहाल
पत्थर तोड़ता मज़दूर।
पेड़ की छांव
कोरा कागज
मज़दूर की व्यथा लिखता
कलम का सिपाही।
सुसज्जित वातानुकूलित कक्ष
शीतल पेय
मज़दूरों के हालात पर
चर्चा करते कानूनविद।
Dr. Suresh Awasthi
गुरुदेव जब गुरुकुल पहुंचे बहुत गुस्से में थे। किसी ने उन्हें सूचना दी थी कि एक शिष्य ने दूसरे शिष्य के प्रति अपमानजनक भाषा का प्रयोग करके गुरुकुल की आचार संहिता तार तार कर दी है। गुरुदेव...
इंदौर - सोनी सब का आगामी फैमिली ड्रामा, वंशज एक अमीर कारोबारी साम्राज्य की पेचीदा डायनेमिक्स को दर्शाता है सोनी सब का आगामी शो वंशज दर्शकों को महाजन परिवार की आकर्षक दुनिया में ले जाने के लिए तैयार है,...
डा राकेश कुमार सिंह, साहित्यकार एवम कवि
कई वर्षों बाद एक सप्ताह के लिए अपने पुराने शहर जाने का सौभाग्य मिला। वहीं हॉटल के पास एक कब्र थी जिसपर प्रतिदिन एक व्यक्ति फूल चढ़ाता था।
उत्सुकतावश मैं पूछ बैठा कि "यह...
Dr. Suresh Awasthi
उस दिन अचानक
हाथों से
छूट गया कांच का बर्तन
उफ एक झटके में
कितने परिवर्तन
फर्स पर बिखरी कांच को
समेटने में लहूलुहान हो गईं
उंगलियां
फिर भी मैं रोया नहीं
देर तक उंगलियों पर जमे
लहू को भी भी धोया नहीं
और उस दिन
सीख लिया कांच...
Mohini Tiwariबिजली विभाग ने की हड़बड़ी
बिलों में आई महा गड़बड़ी
नेता जी के घर लग गया मेला
ताल ठोककर बोला बेवकूफ चेला
सुनो भाइयों, नेता जी हमारे बड़े काबिल
वही चुकाएंगे सबके बिल !
चार सौ चालीस वोल्ट का लगा झटका
नेता ने चेले को...
Dr. Suresh Awasthi
एक बुजुर्ग
थोड़ा परेशान, थोड़ा गुस्साए
टीवी मरम्मत दुकान पर
घर का टीवी सेट उठा कर लाये
तकनीशियन से बोले
जैसे ही कोई न्यूज चैनल लगाता हूँ कुछ खास किस्म के कुत्ते
जोर जोर से भौंकने लगते हैं
उनकी भौंकन सुन कर
घर के बच्चे...
'रहिमन पानी राखिए, बिनु पानी सब सून,पानी बिना ऊबरै मोती, मानुष, चून'
Dr. Suresh Awasthi
दोहा रचते हुए महाकवि रहीमदास ने कभी नहीं सोचा होगा कि किसी दिन यह शहर पीने के एक एक बूंद पानी को तरसेगा। वैसे पानी एक...
Dr. R.K. Singh
आज विविध भारती पर एक पुराना गाना आ रहा था जिसके बोल कुछ इस प्रकार थे:"कौन दिशा में लेके चला रे बटोहिया….." इससे लेखक को यानि मुझे वह ऐतिहासिक घटना याद आ रही है जब सन् 1982...
Dr.Suresh Awasthi
राजनेताओं ने एक दूसरे पर कीचड़ उछालने के लिए जिस तरह से कुछ शब्दों का घटिया प्रयोग किया, तमाम शब्दों को अपने ऊपर अस्तित्व संकट नज़र आने लगा। अंततः इन शब्दों ने भाषा संघ से गुहार लगाई तो...