''पुराने कैलेंडर से नये पर उतारा दूध का हिसाब। अलमारी में रख दी बीत चुके साल के त्योहारों की किताब। पहले व्यापारिक मित्रों को शुभ कामना संदेश भेजा। फिर पहचान वालों को सहेजा। जोड़ी-घटाई दुनियादारी। बस हो गयी नये साल के स्वागत की तैयारी।'' आम आदमी से पूछा, नये साल...
सफ़ेद होते बालों में अब खिज़ाब नजर आ रहा है, नजरों पर चश्मा भी चढ़ता जा रहा है, उमंगों का सागर अब और हिलोरे खा रहा है, जी हाँ, बदलता मौसम मुस्कुरा रहा है।। जवानी का सूरज ढलता जा रहा है, जिम्मेदारियों का बोझ...
Dr. Suresh Awasthi शिक्षक ने छात्र से पूछा, 'चोर चोर मौसेरे भाई' मुहावरे का अर्थ बताइये छात्र बोला सर ताजा ताजा उदाहरण है गौर फरमाइए अभी अभी हाल में टैगोर व मुखर्जी के बंगाल में एक चोर को बचाने के लिए रास्ट्रीय दीदी सिंहासन छोड़ कर संविधान की टांग तोड़ कर मैदान में...
डा राकेश कुमार सिंह, साहित्यकार एवम कवि कई वर्षों बाद एक सप्ताह के लिए अपने पुराने शहर जाने का सौभाग्य मिला। वहीं हॉटल के पास एक कब्र थी जिसपर प्रतिदिन एक व्यक्ति फूल चढ़ाता था। उत्सुकतावश मैं पूछ बैठा कि "यह...
ज़िंदगी के गीत फिर से गुनगुनाने का समय आ गया है।कौन कहता है अब दुनिया से जाने का समय आ गया है।१। दोस्तो संग एक बार फिर ज़ाम छलकाने का समय आ गया है।कौन कहता है अब दुनिया से जाने...
इंदौर - सोनी सब का आगामी फैमिली ड्रामा, वंशज एक अमीर कारोबारी साम्राज्य की पेचीदा डायनेमिक्स को दर्शाता है सोनी सब का आगामी शो वंशज दर्शकों को महाजन परिवार की आकर्षक दुनिया में ले जाने के लिए तैयार है,...

तीन पहलू

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Dr. Rakesh Kumar Singhतेज धूप पसीने से लथपथ भूख से बेहाल पत्थर तोड़ता मज़दूर। पेड़ की छांव कोरा कागज मज़दूर की व्यथा लिखता कलम का सिपाही। सुसज्जित वातानुकूलित कक्ष शीतल पेय मज़दूरों के हालात पर चर्चा करते कानूनविद।
Dr. Suresh Awasthi उस दिन अचानक हाथों से छूट गया कांच का बर्तन उफ एक झटके में कितने परिवर्तन फर्स पर बिखरी कांच को समेटने में लहूलुहान हो गईं उंगलियां फिर भी मैं रोया नहीं देर तक उंगलियों पर जमे लहू को भी भी धोया नहीं और उस दिन सीख लिया कांच...

था, थे, थी

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डॉ सुजाता वर्मा था, थे, थी। यह तीन अक्षर ही हमें प्रिय हैं। यह हमें भूत की ओर ले जाते हैं। हमारे पूर्वजों से हमारा सानिध्य कराते हैं। उनकी यशोकीर्ति के बारे में बताते हैं। हमारी...
Dr. Suresh Awasthi कुछ लोग गांधी पर बहस कर रहे थे एक बोला गांधी महान थे राजनीतिक उठा पटक से दूर सच्चे इंसान धे उन्होंने चलाया आन्दोलन सत्याग्रह स्वदेशी इसी लिये गाधी थे पक्के कांग्रेसी। दूसरा बोला गांधी जी ने दलितों को गले लगाकर उन्हे हरिजन की पदवी दिलवाई इससे...

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