Dr. Suresh Awasthi
क्या करेगा चांद, क्या करेगी चांदनी? कविता की यह पंक्ति कई बार विशेष स्थितियों में याद आती है? उस दिन एक ठेकेदार साहब के संग बैठने का मौका मिला। सड़क बनाने के ठेके की डील हो रही...
'रहिमन पानी राखिए, बिनु पानी सब सून,पानी बिना ऊबरै मोती, मानुष, चून'
Dr. Suresh Awasthi
दोहा रचते हुए महाकवि रहीमदास ने कभी नहीं सोचा होगा कि किसी दिन यह शहर पीने के एक एक बूंद पानी को तरसेगा। वैसे पानी एक...
Dr. Suresh Awasthi
गुरुदेव जब गुरुकुल पहुंचे बहुत गुस्से में थे। किसी ने उन्हें सूचना दी थी कि एक शिष्य ने दूसरे शिष्य के प्रति अपमानजनक भाषा का प्रयोग करके गुरुकुल की आचार संहिता तार तार कर दी है। गुरुदेव...
DR.SURESH AWASTHIएक आफिस में
दो कर्मचारी आपस में लड़ गए
आफिस के बाकी लोग दो गुटों में बंटे और लड़ाई से जुड़ गए
उन्होंने एक दूसरे को नीच, चोर, महाचोर, खानदानी चोर बताया
आफिस को फेंकू, जुमलेबाज, साम्प्रदायिक, भ्र्ष्टाचारी जैसे अपशब्दों से सजाया
तो...
डॉ सुजाता वर्मा
था, थे, थी। यह तीन अक्षर ही हमें प्रिय हैं। यह हमें भूत की ओर ले जाते हैं। हमारे पूर्वजों से हमारा सानिध्य कराते हैं। उनकी यशोकीर्ति के बारे में बताते हैं। हमारी...
Dr. Suresh Awasthi
शिक्षक बनने की चाहतें
कोर्ट में फंस गयीं
क्लर्क बनने की कोशिशें
पेपर आउट होने के
दलदल में धंस गयीं
निजी संस्थान के
ठेकेदार ने तो बीमार ही कर दिया
मेहनताना बहुत कम दिया,
खून ज्यादा पिया
ओवरएज हो के
पकौड़े भी खूब तले
पेट भरने भर के...
उस दिन मैंने टीवी किया ऑन
चीख-चीखकर एक एंकर दे रहा था ज्ञान
कोरोना पर बहस का सिलसिला था जारी
नेता, डॉक्टर, वकील, संत
कौन था आखिर किस पर भारी ?
सब के मुँह पर थी मास्क की छाया
कोरोना के फेर ने सबको उलझाया
'साजिश...
''पुराने कैलेंडर से नये पर
उतारा दूध का हिसाब।
अलमारी में रख दी
बीत चुके साल के
त्योहारों की किताब।
पहले व्यापारिक मित्रों को
शुभ कामना संदेश भेजा।
फिर पहचान वालों को सहेजा।
जोड़ी-घटाई दुनियादारी।
बस हो गयी नये साल के
स्वागत की तैयारी।''
आम आदमी से पूछा, नये साल...
डॉ राकेश कुमार सिंह, वन्य जीव विशेषज्ञ
दुनिया जब सोती है,
मैं गश्त पर निकल जाता हूँ;
दोपहर की धूप में खड़ा,
तो कभी बारिश में भीगता नजर आता हूँ;
जी हाँ, मैं पुलिस वाला कहलाता हूँ।।
ना बहना संग राखी,
ना परिवार संग गुलाल उड़ा...
Dr. Suresh Awasthi
कुछ लोग गांधी पर बहस कर रहे थे
एक बोला गांधी महान थे
राजनीतिक उठा पटक से दूर
सच्चे इंसान धे
उन्होंने चलाया आन्दोलन
सत्याग्रह स्वदेशी
इसी लिये गाधी थे पक्के कांग्रेसी।
दूसरा बोला
गांधी जी ने दलितों को गले लगाकर
उन्हे हरिजन की पदवी दिलवाई
इससे...