फेयरवेल

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Dr. Kamal Musaddi मुदित रोज दिन में एक दो बार माँ से लिपट कर कहता मम्मा स्कूल छूट जाएगा।माँ प्यार से उसके सिर पर हाथ फेर कर पूछती कोई बात नही जहां कॉलेज पढ़ने जाओगे वहां नए दोस्त मिल जाएंगे।लेकिन...
Dr. Kamal Musaddi हजारों वर्षों से चली आ रही एक कहावत कि औलाद बुढ़ापे का सहारा होती है। जब समाजशास्त्रियों ने परिवार को परिभाषित किया तो यही कहा "परिवार वो संस्था है जहां बच्चों का जन्म परवरिश का दायित्व और...
Dr. Kamal Musaddi ज़िन्दगी के रंगों को देखती हूँ तो दिखती है- चार फुट छः इंच की लक्ष्मी, जो मेरे घर साफ़ सफाई करने आती है। छोटे कद की कृशकाय लक्ष्मी, तीन जवान बच्चों की माँ है। दो बेटे और...
Dr. Kamal Musaddi दो वर्ष पहले हरिद्वार गयी थी, गंगा के किनारे बने घाटों पर घूम रही थी तो जगह जगह बूढ़े, असहाय लेटे बैठे मिले। मन में आया, इतनी निरीहता, इतना अकेलापन आखिर इन्हें जन्म से तो नहीं मिला...
Dr. Kamal Musaddi अकेले  नही  हो तुम ये सहमे  से पहाड़ मासूम  बेलें  मजबूत  ताड़ सोये  पाखी  सहमी तितलियाँ दहकते  जंगल  भटकती  पगडंडियों सनसनाती  बर्फीली  हवायें आम आवाम की दुआएं सब तुम्हारे  साथ है तुम्हारे करोड़ों  पैर करोड़ों  हाथ है तुम तो मौत  के साये में जिन्दगी  के खेल खेले ...
Dr. Kamal Musaddi  'ज़िंदगी जुल्म सही,जब्र सही, गम ही सही दिल की फरियाद सही, रूह का मातम ही सही' लिखने वाले ने मन की किस परिस्थिति में ये शेर लिखा होगा,कोई भी संवेदनशील व्यक्ति इसका अंदाजा लगा सकता है क्योंकि ज़िंदगी की...
Dr. Kamal Musaddi कहते हैं ज़िंदगी वो है जो अपने फैसलों पर अपने अनुसार जी जाए बाकी तो बस सामंजस्य है।क्या सच में ज़िंदगी सिर्फ वो है जो अपने फैसलों पर जी जाए ऐसा हो सकता है क्या ,क्या कोई...
Dr. Kamal Musaddi बचपन से लेकर अब तक समझ में नहीं आया कि नया वर्ष आने पर इतनी ख़ुशी, इतना आनंद, इतना उत्साह क्यों होता है लोगों के मन में? होता भी है या सिर्फ दिखावा होता है या...
Dr. Kamal Musaddi एक धमाका पुलवामा में हुआ और पूरा देश थर्रा गया।रोटी बिलखती चीत्कार करती खबरें और आक्रोशित जनमानस ।हर देश भक्त की भृकुटियों में बल और मुट्ठी में कसाव।चारों तरफ नारे जुलूस ,कैंडिल मार्च और श्रद्धांजलि सभाओं का...
Dr. Kamal Musaddi मुझे आज तक एक प्रश्न का उत्तर नही मिला कि ज़िंदगी जब पीछे मुड़कर देखती है तो सब कुछ इतना सुंदर सुखद और अच्छा क्यों दिखता है क्यों हमें वर्तमान रुलाता है और भविष्य डराता है। आज...

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