आसमान को चूमती विराट पर्वत श्रंखलाऐं, विशाल देवदार के दरख़्त, सर्पिलाकार बल खाती हुई पगडंडियां और शांत वातावरण। यही पहचान है, शहरी कोलाहल से दूर और मात्र लगभग 1000 जनसंख्या के हिल स्टेशन, धनौल्टी की। समुद्र तल से 7500 फ़ीट ऊंचाई पर असीम प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हिमालय की गोद में बसा धनौल्टी भारत के उन हिल स्टेशनों में से है, जिन्होंने विकास की इस दौड़ में अब भी अपनी सुंदरता को अनछुआ रखा है।
गत वर्ष अप्रेल में हमने जब किसी हिल स्टेशन घूमने की योजना बनाई तो किसी ऐसे स्थान का चयन कठिन हो गया जहाँ जाने-माने पर्वतीय स्थलों जैसी भीड़ भाड़ न हो, व प्रकृति की गोद में कुछ दिन सुकून से बिताए जा सकें। तय हुआ कि इस बार शांति से 3-4 दिन ऐसे स्थल पर बिता के आने हैं, जहाँ पर्यटकों की गहमा गहमी न हो। एक मित्र के सुझाव पर उत्तराखंड में मसूरी के पास धनोल्टी जाने का प्लान बना। धनोल्टी जाने हेतु देहरादून एयरपोर्ट से महज 80 किलोमीटर की दूरी ढाई घण्टे में पूर्ण की जा सकती है। दिल्ली से लगभग 350 किलोमीटर का रास्ता लगभग आठ घण्टे में तय होता है।
देहरादून एयरपोर्ट पर उतरने के बाद भी हम असमंजस में थे कि कहीं ऐसा न हो कि धनौल्टी जाना एक जुआ सिद्ध हो। टैक्सी से देहरादून के मानसी जू घूमते हुए हम जब शाम को धनोल्टी पहुंचे तो ढलते सूरज की रोशनी में नहाए देवदार के विशाल वृक्षों को गोद में उठाये धनोल्टी मानो हमारे स्वागत में बाहें फैलाये खड़ा था। पहाड़ के रास्ते में ठंडी ठंडी हवाओं का झोंका औऱ कलरव करते बेहिसाब पक्षी मन को उद्वेलित कर रहे थे। यहाँ अन्य किसी पर्यटक स्थल की तुलना में घूमने के कम स्पॉट हैं। पर किसी भी दिशा में निकल जाएं आपको सुंदर-सुंदर प्राकृतिक दृश्य मिल जाएंगे। हर तरफ हरियाली होने से आप कहीं भी बैठकर प्रकृति को निहार सकते हैं। बम्बू हट्स रुकने के लिए उत्तम जगह है और साथ ही अपने आप में अत्यंत दर्शनीय हैं। इकोपार्क से हिमालय की गोद में डूबता सूरज मन को मोह लेता है।
सुबह घूमते हुए पास ही में स्थित सेबों के बगीचों की सैर का आनन्द मंत्रमुग्ध कर देता है। पास में ही चोटी पर स्थित सरकुंडा देवी एक शक्ति पीठ है। यहाँ से हिमालय की लंबी श्रंखला को भरपूर निहारना अत्यन्त सुखद अनुभव है। धनोल्टी से प्रसिद्ध मसूरी व चम्बा दोनों की दूरी लगभग 28 किलोमीटर है। यहाँ से टिहरी बांध सुबह जाकर शाम तक आसानी से लौटा जा सकता है। विशाल टिहरी बांध में डूबे शहर के ऊपर नौका विहार करना रोमांचित कर देता है। धनोल्टी में नाममात्र को ही होटल हैं औऱ आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। खाने के लिए यहाँ छोटे-छोटे रेस्टोरेंट हैं, लेकिन किसी गढवाली घर में घर का बना गर्म-गर्म भोजन करना एक यादगार लम्हा बन जाता है। जनवरी माह में बर्फ से नहाया धनोल्टी एक अलग ही नजारा प्रस्तुत करता है।
धनोल्टी वह स्थान है जहाँ मानव ने अभी प्रकृति का दोहन नाममात्र को ही किया है। हिल स्टाशनो व शहरों की भीड़ भरी जिंदगी से दूर सब कुछ भुला के प्रकृति की गोद में यहां बिताए अविस्मरणीय पलों की याद लेकर लौटना सचमुच एक अद्वितीय अनुभव है।
Excellent description
Nice description about hill station.
बेहतरीन
Sir ji Namaskar Naturel beauty of earth & best way of life sir ji .
लेखक द्वारा हिल स्टेशन के प्राकृतिक सौंदर्य अविस्मरणीय वर्णन किया गया है
लेखक द्वारा हिल स्टेशन के प्राकृतिक सौंदर्य का अविस्मरणीय वर्णन किया गया है
अत्यधिक सुंदर वर्णन
सुंदर वर्णन
सुन्दर
Very beautiful description
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