Dr. S.L. YADAV
बिधि,लाभ एवं सावधानियाँ-
सूर्यभेदी प्राणायाम - प्राणायाम का शाब्दिक अर्थ होता है प्राण (वायु )को आयाम (रोकना) देना अर्थात ऐसी प्रक्रिया जिसमे सांसो को सामान्य सांसों से ज्यादा देर तक रोका जाये प्रणायाम कहलाता हैं।
"श्वाँस प्रश्वांस योर्गति बिच्छेदः...
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नौकासन -इस आसन का आकर नाव के समान होने के कारण इसे नौकासन के नाम से जाना जाता है। जैसे नदी या समुंद्र को यदि समस्या मान लिया जाय तो जिसको पार करने के लिए नाव का सहारा...
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इस आसन का आकार वीर योद्धाओं के समान होने के कारण इसे वीरासन के नाम से जाना जाता है। वीरासन बिभिन्न तरह से किया जाता है। चूँकि जादातर हनुमान जी को इसी मुद्रा में देखा गया है,इसलिए इसे "हनुमान आसन" भी कहा जाता...
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लाभ एवं सावधानियाँ-
वाष्प स्नान (Steam bath )
वाष्प स्नान (स्टीम बाथ) मानव जीवन के लिए किसी वरदान जैसा ही है। जो मनुष्य शरीर की कोशिकीय (cell ) स्तर पर सफाई करके किसी भी बीमारी से बचाती है एवं आयी हुई समस्याओ...
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बिधि,लाभ एवं सावधानियाँ -
इस आसन की बहुत सारी खूबियाँ (समानता ) गाय से मिलती जुलती है इस लिए इसे"गोमुखासन" के नाम से जाना जाता हैं।
गोमुखासन की विधि- सबसे पहले किसी समतल जमीन पर योग मैट या चटाई...
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विधि,लाभ एवं सावधानियाँ
कुम्भक प्राणायाम
सर्दियों के लिए कुम्भक प्राणायाम किसी वरदान से कम नही है। ऋषियों मुनियों द्वारा इस प्राणायाम का उपयोग ठण्ड को दूर करने के लिए किया करते थे।कुम्भ का मतलब घड़ा (मटका) होता है।जो आकर घड़े का...
Dr. S.L. Yadavबिधि ,लाभ एवं सावधानियाँ -
शलभ एक किट को कहते है और शलभ टिड्डे को भी। इस आसन में शरीर की आकृति कुछ इसी तरह की हो जाती है इसीलिए इसे शलभासन कहते है। एक-एक पैर को बारी - बारी ऊपर उठाने से...
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कोणिक उत्तानपादासन -उत्तानपादासन कई तरीके से किया जाता है। कोणिक -उत्तानपादासन उसमे से एक आसन है। इस आसन का आकार तराजू के समान बनता है। कमर के सहारे पैर और सिर कंधे उठाते है। जैसे तराजू के दो पल्ले (पलड़े) होते...
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बिधि,लाभ एवं सावधानियाँ - यह आसन पैरों के ऊपर लेटकर किया जाने के कारण इसे चरणासन के नाम से जाना जाता है। यह आसन मानसिक समस्याओं को दूर करता है तथा सुंदरता बढ़ाता है। इसे जिद्दी बच्चो के लिए...
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इसके अभ्यास से शरीर वज्र के समान हो जाता है ,इसलिए योगियों ने इसका नाम वज्रासन रखा। इस आसन के अभ्यास से शरीर सुदृढ़ हो जाता है।
बिधि ,लाभ एवं सावधनियाँ -
वज्रासन की बिधि - सबसे पहले किसी हवादार एवं समतल जमींन...