Dr. Kamal Musaddi
जब जब जिंदगी के प्रति हताशा ,निराशा और बैराग्य उत्पन्न होता है।तब-तब कुछ चेहरे,कुछ आवाजें,कुछ घटनाएं मन पर दस्तक तो देती ही हैं,दिमाग पर भी हथौड़े सी चोट करती हैं कि जब हम नही हारे तब तुम...
Dr. Kamal Musaddi
'ज़िंदगी जुल्म सही,जब्र सही, गम ही सही
दिल की फरियाद सही, रूह का मातम ही सही'
लिखने वाले ने मन की किस परिस्थिति में ये शेर लिखा होगा,कोई भी संवेदनशील व्यक्ति इसका अंदाजा लगा सकता है क्योंकि ज़िंदगी की...
Dr. Kamal Musaddi
कहते हैं ज़िंदगी वो है जो अपने फैसलों पर अपने अनुसार जी जाए बाकी तो बस सामंजस्य है।क्या सच में ज़िंदगी सिर्फ वो है जो अपने फैसलों पर जी जाए ऐसा हो सकता है क्या ,क्या कोई...
Dr. Kamal Musaddi
बचपन से लेकर अब तक समझ में नहीं आया कि नया वर्ष आने पर इतनी ख़ुशी, इतना आनंद, इतना उत्साह क्यों होता है लोगों के मन में? होता भी है या सिर्फ दिखावा होता है या...
Prachi Dwivedi
ज़िन्दगी वह नहीं जिसे हम जीते हैं। ज़िन्दगी तो वह है, जिसे हम जी नही पाते। जो नेपथ्य में रहकर हमारी उस ज़िन्दगी को, ऊर्जा देती है। उसे आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करती है। यदि वह...
Dr. Kamal Musaddi
ज़िन्दगी के रंगों को देखती हूँ तो दिखती है- चार फुट छः इंच की लक्ष्मी, जो मेरे घर साफ़ सफाई करने आती है। छोटे कद की कृशकाय लक्ष्मी, तीन जवान बच्चों की माँ है। दो बेटे और...
Dr. Kamal Musaddi
गाड़ी ने जैसे ही गेट से भीतर प्रवेश किया, आँखें जहाँ तक देख पा रही थी बस ऐसा लग रहा था कोई तिलस्मी दुनिया में आ गयी हूँ। हरी कोमल घास, फूलों से लदे पौधे,...
Dr. Kamal Musaddi
दो वर्ष पहले हरिद्वार गयी थी, गंगा के किनारे बने घाटों पर घूम रही थी तो जगह जगह बूढ़े, असहाय लेटे बैठे मिले। मन में आया, इतनी निरीहता, इतना अकेलापन आखिर इन्हें जन्म से तो नहीं मिला...