तीन पहलू

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1920

Dr. Rakesh Kumar Singh
तेज धूप
पसीने से लथपथ
भूख से बेहाल
पत्थर तोड़ता मज़दूर।

पेड़ की छांव
कोरा कागज
मज़दूर की व्यथा लिखता
कलम का सिपाही।

सुसज्जित वातानुकूलित कक्ष
शीतल पेय
मज़दूरों के हालात पर
चर्चा करते कानूनविद।