चौकीदार

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Dr. Suresh Awasthi
शिक्षक बनने की चाहतें
कोर्ट में फंस गयीं
क्लर्क बनने की कोशिशें
पेपर आउट होने के
दलदल में धंस गयीं
निजी संस्थान के
ठेकेदार ने तो बीमार ही कर दिया
मेहनताना बहुत कम दिया,
खून ज्यादा पिया
ओवरएज हो के
पकौड़े भी खूब तले
पेट भरने भर के पैसे
फिर भी नहीं मिले
रोजगार खोजते खोजते मैं
बासी अखबार हो गया
आभार लोकतंत्र के इस
महापर्व का
बिना कुछ किये धरे ही
चौकीदार हो गया।
दागी और बागी
…..
आप कौन श्रीमान!
जी, मैं दागी
और आप !
जी, मैं बागी
यानी कि हम दोनों खटरागी
चलो आगे आओ
हाथ मिलाओ
दोनों मिल कर
चुनाव में दबाव बनाएंगे
कोई ठीक से नमस्ते कर ले तो ठीक
नहीं तो अलग से बिगुल बजायेंगे
जिन्होंने मुंह से छीनी है दूध की कढ़ाही
उन्हें ऐसे कैसे छोड़ देंगे
कुछ नहीं कर पाए तो भी
कढ़ाही में नीबू निचोड़ देंगे।

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