साध्वी और संत नहीं रही

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Dr. Suresh Awasthi

एक आदर्शवादी साध्वी ने
एक सिद्धांतवादी सन्त को
किसी बात को लेकर
सरेआम गरियाया

एक दूसरे को नीच, कमीना, कुत्ता और चरित्रहीन बताया।
घटना के
कुछ दिनों बाद
जैसे ही चुनावी माहौल आया
लोगों ने उन्हें
एक ही मंच पर गाते बजाते पाया
तो मेरा दिमाग चकराया
मैने भक्तों से पूछा यार

यह कैसा चमत्कार
वे बोले इनके आदर्श व सिद्धांत
राजनीति के बाज़ारवाद में
कहीं खो गए हैं
अब ये साध्वी और सन्त नहीं रहे
‘बसपा’ और ‘सपा’ हो गए हैं।