बचपन में टॉफी -चॉकलेट के लिए पैसे मांगना, किराए पर दुकानों से कॉमिक्स लाना और जल्दी -जल्दी पढ़कर चुपचाप वापस कर आना, इस डर से कि मम्मी ने देख लिया तो फिर वही सुनना पड़ेगा….. पढ़ाई करो! कॉमिक्स में समय बर्बाद मत करो, यह कुछ काम नहीं आने वाली। शायद यह, सभी के जीवन की अनोखी घटना रही होगी। चाचा चौधरी, चंपक, नंदन, पिंकी
आदि कॉमिक्स पढ़ने का शौक आगे चलकर ‘करियर’ भी निर्धारित कर सकता है, ऐसी कल्पना किसने की होगी?
ऐसा ही शौक रखने वाली, चुपके -चुपके कॉमिक्स पढ़ने वाली, दिल्ली की ‘पल्लवी सिंह’ हिंदी अध्यापिका के रूप में न सिर्फ देश में, यहाँ तक की विदेशों में भी अपना परचम लहरा रही हैं। आज मुंबई में रहकर सामान्य जनों के साथ -साथ मशहूर हस्तियों को भी हिंदी सिखा रही हैं।
पल्लवी की ‘हिंदी अध्यापिका’ बनने की राह इतनी आसान नहीं थी। 12वीं पास करने के बाद सभी पूछते थे कि आगे क्या करोगी? पल्लवी स्वयं अपना रास्ता बनाना चाहती थी इसलिए बी॰टेक॰ करने के साथ-साथ विदेशियों को हिंदी पढ़ाने का भी कार्य करने लगी। यह कार्य, ‘करियर’ के रूप में तब प्रत्यक्ष हुआ जब दिल्ली में ही एक ऑस्ट्रेलिया के छात्र ने उनसे हिंदी पढ़ने की इच्छा रखी और यहीं से पल्लवी को अपनी मंजिल तक पहुंचने की राह मिल गई।
पल्लवी, ‘कॉमिक्स’ द्वारा, प्रेमचंद की कहानियां सुनाकर और हिन्दी फिल्में दिखाकर देश में आए विदेशियों को हिंदी सिखाती हैं। वह स्वयं मॉड्यूल तैयार करती हैं और समय के साथ संशोधन करते हुए तीन महीने के अंदर हिंदी बोलना सिखाती हैं। आज पल्लवी के विद्यार्थियों की सूची में जाने-माने लेखक विलियम डेलरिंपल, बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नाडीज, लिसा रे, नटालिया डि लुसिओ, लुसिंडा निकोलस आदि हैं। पल्लवी का कहना है कि उन्हें पढ़ाने का बोरिंग स्टाइल पसंद नहीं इसीलिए स्टूडेंट को किसी कैफे में चाय का आनंद लेते हुए भी हिंदी सिखाती हैं। पल्लवी द्वारा अपने शौक को करियर बनाना, सबके लिए प्रेरणा ही नहीं बल्कि इस भागम –भाग की दुनिया में एक नए दृष्टिकोण को भी पैदा करता है।