द लीजेंड ऑफ लॉयन काली-बब्बर शेरों की दुनिया का चाणक्य

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डॉ आरके सिंह, वन्यजीव विशेषज्ञ, कवि एवम स्तम्भकार
कभी कभी क़ुदरत कुछ ऐसा करिश्मा कर दिखाती है कि उस पर सहसा विश्वास करना असम्भव सा लगता है। वह सब इतना नाटकीय होता है कि सत्य होते हुए भी किवदंती लगने लगता है। ऐसा ही कुछ अभूतपूर्व घटित हुआ अफ्रीका में केन्या के प्रसिद्ध मसाई मारा रिज़र्व में जहाँ एक बब्बर शेर ‘नॉच’ उर्फ ‘काली’ (भयंकर के लिए स्वाहिली भाषा का शब्द) ने बदले की भावना से एक ऐसा अभूतपूर्व कदम उठाया जो शेरों की दुनिया में न पहले कभी हुआ था न भविष्य में सम्भवतः कभी होगा। कुछ शेरों से बदले की भावना में उसने अपने पाँच अवयस्क बेटों को ढूंढ़ निकाला। और दो वर्ष तक उन्हें स्वयम पालकर दांव-पेंच सिखाये। तथा जिस ढलती उम्र में शेर पुनः खानाबदोश हो जाते हैं, उस उम्र में उसने अपने बेटों की मदद से एक-एक कर केन्या के लगभग पूरे मसाई मारा रिज़र्व में अपनी विजय पताका फैला दी।

जिस समय अफ्रीका के दक्षिणी छोर पर बब्बर शेरों के छः भाइयों का समूह ‘मोपोगो ब्रदर्स’  अफ्रीकी महाद्वीप की धरती को लहूलुहान कर रहा था। वहीं अफ्रीका के उत्तर में भी उसी समय पिता और पुत्रों का एक समूह भी इतिहास लिख रहा था।

यह अविश्वसनीय गठबंधन पहले कभी नहीं देखा गया था। सबसे अजीब बात यह थी कि यह एक पिता और उसके पांच बेटों से मिलकर बना था। शेरों के साम्राज्य में ऐसा कभी नहीं देखा या सुना गया था। यहाँ तक कि युवा शेर अपने पिता को मार भी सकते थे, लेकिन यह प्रदर्शित करता है कि नॉच उर्फ काली शेर कितना निडर व प्रबन्धन का कुशल खिलाड़ी था।

नॉच का जन्म 1999 या 2000  में हुआ था और उसने लाइट-मेल नामक एक अन्य युवा शेर के साथ गठबंधन किया था। 2004 में दोनों ने बीबीसी के बिग कैट डायरीज़ टीवी शो द्वारा प्रसिद्ध हुए मार्श प्राइड शेरों को चुनौती दे डाली। और  उन्होंने विश्व प्रसिद्ध सिम्बा और ब्लोंडी शेरों को धूल चटा दी तथा उनके प्राइड (शेरनियों व शावकों का समूह) पर अधिकार प्राप्त कर लिया। 2005 के मध्य में, अन्य तीन शेरों ने मार्श प्राइड के क्षेत्र में आक्रमण कर नॉच के साथी लाइट-मेल को मार डाला। ऐसा लगा कि यह अकेले नॉच का अंत होगा। लेकिन सभी बाधाओं के बावजूद, उसने शेरनियों के करीब रहकर और स्वयं को कम सक्रिय रखते हुए अपने क्षेत्र पर पुनः कब्जा कर लिया। यहां तक कि इस दौरान अपने को शत्रुओं की नज़र से बचाने के लिए उसने दहाड़ना भी कम कर दिया था। यह अपने आप में एक विचित्र सा व्यवहार था।

2007 में एक बार फिर नॉच को उन तीन शेरों ने हरा दिया। इस घटना से काली बदले की भावना से भर गया। हालांकि एक बार फिर यह लगा कि नॉच उर्फ काली खानाबदोश शेर के रूप में लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकेगा। लेकिन फिर उसने कुछ अकल्पनीय कर डाला। जब उसे मार्श प्राइड से दूर भगाया गया तो उसने अपने उन पांच अल्प-वयस्क बेटों को ढूंढ निकाला, जो अपने पिता यानी नॉच के बेदखल होने पर मुश्किल से अपनी जान बचाकर भागे थे और अब जंगल में निरीह व खानाबदोश घूम थे।

नॉच ने अपने बेटों – नॉच-II, माइटी लॉन्ग, रॉन, सीज़र और ग्रिमेस की एक साल से अधिक समय तक, जब तक वे पूरी तरह से वयस्क नहीं हो गए, देखभाल की। नॉच शायद नौ साल का था जब 2008 में मसाई मारा में उसके आतंक का शासन शुरू हुआ था। यह वह उम्र होती है जब अमूमन एक नर शेर उम्र की ढलान पर अपने प्राइड से बाहरी युवा शेरों द्वारा बेदखल कर दिए जाने से खानाबदोश ज़िंदगी जीने को मजबूर होता है। लेकिन नॉच ने अपने बेटों की मदद से मसाई मारा में अब तक देखे गए सबसे बड़े और भयंकर गठबंधनों में से एक का निर्माण किया। नॉच एक शानदार और सुंदर काले बालों वाला शेर था। अपने युवा बेटों के साथ इस जटिल एवं ऐतिहासिक गठबंधन को बनाने के लिए हिम्मत और कौशल की आवश्यकता थी, जो नॉच में बखूबी था। इन छह शेरों ने मसाई मारा के 1,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक के क्षेत्रफल पर वर्षों तक अपना दबदबा कायम रखा और यहां के लगभग सभी प्राइडों पर कब्जा कर डाला।

कुछ ही वर्षों में उन्होंने अपने रास्ते में आने वाले सभी शेरों को मारकर या डराकर मसाई मारा में पूर्ण प्रभुत्व स्थापित कर लिया।  नॉच गठबंधन की शक्ति, द्वेष, सामंजस्य और हत्या के इरादे को उस समय स्पष्ट महसूस किया जा सकता था जब वे किसी प्राइड पर हमला करते थे। लेकिन जब काली देखता था कि वह हार सकता है तो वह अन्य शेरों की तरह लड़कर मरने की अपेक्षा रण छोड़ देता था और कुछ दिन पश्चात पुनः पूरी शक्ति से आक्रमण कर विरोधियों को चकित कर दिया करता था।

हालांकि नॉच एक बूढ़ा शेर था और अपने पांच बेटों के साथ उसने एक असामान्य संबंध बना रखा था। वह अल्फा मेल (प्रमुख नर) था और उसने अपने बेटों को यह एहसास भी करा रखा था कि वह किसी का प्रभुत्व स्वीकार नहीं करेगा। यह ठीक से ज्ञात नहीं है कि उन्होंने अपने लगभग एक दशक लंबे शासन के दौरान कितने शेरों को मार डाला, लेकिन यह माना जाता है कि इस गठबंधन ने दर्जनों शेरो को मार डाला था।

हालांकि उसका शासनकाल पूरी तरह से सरल नहीं था। लेकिन नॉच उर्फ काली ने अपनी बुद्धि, विवेक व बल के दम पर निरंकुश शासन किया। वर्ष 2013 में जब उसकी मृत्यु हुई तब नॉच उर्फ काली की उम्र 14 वर्ष से अधिक थी। वह अपने जीवन के अंतिम कुछ वर्षों में अपने बेटों से अलग अवश्य हो गया था, लेकिन भोजन और सुरक्षा के लिए चतुराई से हमेशा उनके पास बना रहता था। ऐसा लगता था कि उसके पास जीने के लिए कुछ ही दिन बचे थे लेकिन उसकी बुद्धि कौशल के कारण उसके बेटों ने इस अजेय बब्बर शेर को वर्षों तक जीवित रखने का शानदार काम किया था। नॉच के पास इस उम्र में भी अपना विशाल काला अयाल, यानी गले पर बाल, था और कमजोर होते हुए भी वह हमेशा की तरह एक सम्राट की तरह रहता था।

नॉच की मृत्यु के बाद धीरे-धीरे उसके बेटे भी विरोधियों द्वारा भगा या मार डाले गये। लेकिन कहानी में नया मोड़ तब आया जब नॉच का एक बेटा नॉच-ll अपने ही क्षेत्र में खानाबदोश बन गया और गायब हो गया। मसाई मारा में सभी को लगा कि वह मर चुका है। लेकिन इतिहास खुद को दोहरा रहा था। नॉच-II, 14 साल से अधिक का हो चुका था। वह अपने पिता नॉच से यह सीख चुका था कि उसे जीवित रहने के लिए अपने बेटे के साथ मिलकर गठबंधन बनाना होगा, ठीक उसी तरह जैसे उसके पिता ने एक दशक पहले बनाया था। नौच-II कई महीनों बाद फिर से प्रकट हुआ और दुनिया भर के शेर प्रेमियों के आश्चर्य का तब ठिकाना नहीं रहा जब वह अपने तेजतर्रार और रौबीले बेटे स्पीयरबॉय के साथ देखा गया।

नॉच और उसके बेटे अपने असामान्य गठबंधन व प्रभुत्व के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध  थे। कहते हैं कि यह छह शेर जब एक साथ दहाड़ते थे तो मसाई मारा आये कुछ सैलानी तो डरकर सफारी वाहन की सीटों के नीचे तक छिप जाते थे। आज भी मारा नदी के जंगलों में उस घातक शेर गिरोह की विरासत जीवित है। लेकिन नॉच द्वारा अपने पुत्रों के साथ बनाया गया ऐतिहासिक व असम्भव गठबंधन एवम उसका कुशल प्रबंधन नॉच उर्फ काली को अन्य शेरों से अलग श्रेणी में रखते हुए एक किवदन्ती अवश्य बना देता है।

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