DR. S.L. YADAV इस आसन में शरीर थोड़ा ऊपर की तरफ उठा रहता है ,अथवा पूरी तरह से आसन पर स्थित न होने के कारण योगियों ने इसका नाम उत्कटासन रखा। यह आसन अंग्रेजी के Z के समान बनता है। इसे कई प्रकार से कर सकते...
Dr. S.L. Yadav कोणिक उत्तानपादासन -उत्तानपादासन कई तरीके से किया जाता है। कोणिक -उत्तानपादासन उसमे से एक आसन है। इस आसन का आकार तराजू के समान बनता है। कमर के सहारे पैर और सिर कंधे उठाते है। जैसे तराजू के दो पल्ले (पलड़े) होते...

हलासन

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Dr. S.L. YADAV बिधि,लाभ एवं सावधानियाँ -इस आसन का आकार हल के समान होने के कारण इसे हलासन के नाम से जाना जाता हैं। यह आसन मोटापा नाशक होने के साथ रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने का सबसे अच्छा आसन है। हलासन की बिधि- सबसे...
Dr. S.L.YADAV यह आसन गैस की समस्या को जड़ से खत्म करता है,इसलिए इसे पवनमुक्तासन के नाम से जाना जाता है। चूँकि एक-एक पैर से बारी करते हैं इसलिए इसे एक पाद पवनमुक्तासन के नाम से जाना जाता है।   एक पाद पवनमुक्तासन...

चरणासन

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Dr. S. L. YADAV बिधि,लाभ एवं सावधानियाँ - यह आसन पैरों के ऊपर लेटकर किया जाने के कारण इसे चरणासन के नाम से जाना जाता है। यह आसन मानसिक समस्याओं को दूर करता है तथा सुंदरता बढ़ाता है। इसे जिद्दी बच्चो के लिए...

वज्रासन

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Dr. S.L. YADAV इसके अभ्यास से शरीर वज्र के समान हो जाता है ,इसलिए योगियों ने इसका नाम वज्रासन रखा। इस आसन के अभ्यास से शरीर सुदृढ़ हो जाता है।   बिधि ,लाभ एवं सावधनियाँ - वज्रासन की बिधि - सबसे पहले किसी हवादार एवं समतल जमींन...
Dr. S.L. Yadav योग एक दिनचर्या है, नियम है, अनुशासन है। ये हमे सकारात्मक जीवन जीने की कला सिखाता है। गणित में योग का जो मतलब होता है, जीवन पद्धति में भी योग का वही अर्थ है। योग, मतलब ‘जोड़’।...
Dr. S.L YADAV विधि,लाभ एवं सावधानियाँ कुम्भक प्राणायाम सर्दियों के लिए कुम्भक प्राणायाम किसी वरदान से कम नही है। ऋषियों मुनियों द्वारा इस प्राणायाम का उपयोग ठण्ड को दूर करने के लिए किया करते थे।कुम्भ का मतलब घड़ा (मटका) होता है।जो आकर घड़े का...
Dr. S.L. Yadavबिधि ,लाभ एवं सावधानियाँ - शलभ एक किट को कहते है और शलभ टिड्डे को भी। इस आसन में शरीर की आकृति कुछ इसी तरह की हो जाती है इसीलिए इसे शलभासन कहते है। एक-एक पैर को बारी - बारी ऊपर उठाने से...
Dr. S.L. Yadav भुजंगासन दो शब्दों से मिलकर बना है भुजंग +आसन। भुजंग जिसका अर्थ 'साँप' (सर्प) होता है और आसन जिसका अर्थ उसकी 'बनावट' से होता है। इस प्रकार ऐसी बनावट जो सांप जैसी हो भुजंगासन कहलाती है। भुजंगासन...

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