The dreams of the Indian farmer's, seems to have come true in connection with the farming of "Dragon Fruit", presently grown in the tropical region of South America and Southern Mexico.
Two years back some of the farmers of Gorakhpur...
Mohini Tiwari
"क्या तुमने चींटी को देखा ?
वह सरल , विरल , काली रेखा
तम के धागे-सी जो हिल-डुल
चलती प्रतिपल लघुपद मिल-जुल"
'चींटी' शीर्षक पर सुमित्रानंदन पंत द्वारा विरचित यह पंक्तियाँ चींटियों के व्यक्तित्व की विशालता का प्रतिबिंब है।
चींटी एक विलक्षण जीव...
Maryam NazarForty days long Lockdown announced in the country on March 25 to combat deadly Covid-19 virus, left remarkable impact on the environment. The skies in some of the most polluted cities of the country turned an azure blue...
उत्तरी अरावली पर्वत माला के गोद में प्रकृति के हर रंग को संजोए सारिस्क टाइगर रिज़र्व अपने आप में एक वन्यजीव संरक्षण का एक अद्वितीय उदाहरण है। जहाँ प्रकृति ने स्वयं को इस कदर गढ़ा है कि बिना किसी...
Trees are almost like human beings. Need all that a man needs to survive-beyond food and water, says Peter Wohlleben a German Forester and the author of “The Hidden Life of Trees".
The writer claims that an isolated tree has...
The World Meteorological Organization (WMO) a weather agency of the United Nations in its recent report said that the extreme weather events, supercharged by climate changes, affected nearly 62 million people around the world in 2018.
According to the annual...
G.P.VARMA
The recent cyclone Fani roared through Odisha on Friday (May 3, 2019) wreaked havoc in the state. The name Fani was suggested by Bangladesh. It is pronounced as "FONI" which means the "Snake’s hood".
The next Cyclone whenever it originates,...
Dr. Asha Singh
आसमान को चूमती विराट पर्वत श्रंखलाऐं, विशाल देवदार के दरख़्त, सर्पिलाकार बल खाती हुई पगडंडियां और शांत वातावरण। यही पहचान है, शहरी कोलाहल से दूर और मात्र लगभग 1000 जनसंख्या के हिल स्टेशन, धनौल्टी की। समुद्र तल...
Dr. Rakesh Kumar Singh
एक तरफ फैला हुआ विशाल नीला समुद्र और दूसरी तरफ दूर-दूर तक फैली हुई वृक्ष की कतारें। पानी की लहरों से जूझती हुई वृक्षो की मिट्टी से बाहर निकली हुई छोटी-छोटी हवाई जड़े। जंगल को चीरता...
Dr. Asha Singh
मैं अब एक इतिहास हूँ। मैं अब मौजूद हूँ । वाइल्डलाइफ की किताबों में, मेरी यादें आज भी कानपुर प्राणिउद्यान के रोम रोम में बसी हैं। मैं आज भी अपने आपको अपने उसी बाड़े में पाता हूँ।...