उस दिन मैंने टीवी किया ऑन
चीख-चीखकर एक एंकर दे रहा था ज्ञान
कोरोना पर बहस का सिलसिला था जारी
नेता, डॉक्टर, वकील, संत
कौन था आखिर किस पर भारी ?
सब के मुँह पर थी मास्क की छाया
कोरोना के फेर ने सबको उलझाया
‘साजिश है’ नेताजी तनकर बोले
मानो मंच पर किसी ने दागे हों गोले
‘नहीं, वायरस का प्रकोप है’ डॉक्टर ने टोका
पर वकील साहब ने उन्हें बीच में ही रोका –
‘अरे जनाब! यह अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का है मामला
खामोश रहने में है हम सबका भला ‘
सुनकर सबकी संत महाराज का सिर चकराया
उन्होंने एक अनूठा उपाय सुझाया –
प्यारे भाइयों! ऑनलाइन ही सही कुछ दान कीजिए
मुश्किल घड़ी में यह संकल्प लीजिए
क्योंकि प्रलय की काली घटा छाई है
हाय! यह कोरोना बड़ा हरजाई है
हाय! यह कोरोना बड़ा हरजाई है…।
मोहिनी तिवारी