Dr. Rakesh Kumar Singh हमारे चारों ओर नेपाल से लेकर तिब्बत तक फैला महान हिमालय दृष्टिगोचर हो रहा था। पास के अन्य शिखरों ल्होत्से, नुप्तसे और मकालू को देखने के लिये अब नीचे देखना पड़ रहा था। पृथ्वी की यह...
Dr. R.K. Singh तीन मार्च 2022 की सुबह एक युवा तेंदुआ, जो कि सम्भवतः अपना नया क्षेत्र या यूं कहें कि साम्राज्य स्थापित करने निकला था, भटक कर मेरठ शहर के घनी आबादी वाले क्षेत्र पल्लवपुरम में पहुंच गया। प्रारंभ...
Dr. Rakesh Kumar Singh "उन्नीसवीं शताब्दी का उत्तरार्ध" भारत के रजवाड़े अंतिम सांसे गिन रहे थे और बरतानिया हुक़ूमत अपनी जड़ें जमा चुकी थी। इसी दौरान एक टीले पर अकेला बैठा वनराज दूर तक दृष्टिगोचर होते यमुना के बीहड़ों में अपने...
Dr. Rakesh Kumar Singhफरवरी महीने का पहला पखवाड़ा था और अभी भी धूप में गुनगुनाहट कायम थी। बस यूं कहिए कि गुलाबी जाड़ों का मौसम था। यह मौसम सभी वनस्पतियों, वन्य जीवों को लुभाता है और प्रकृति के साथ...

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