Grooming with new style

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Kanchan Gupta The fashion in clothing is taking twist and turns very now and then. We as professionals remain deeply concerned to deliver the latest to the society. With the changing season and celebrations around we have to take care...
नीरज साइमन जेम्स से संजना साइमन तक की यात्रा करने वाली ट्रांसजेंडर वुमेन संजना की संघर्ष यात्रा आज के समय की महत्त्वपूर्ण घटना है। वर्तमान में जब नीरज पूरी तरह से संजना में परिवर्तित हो चुकी हैं और संजना...

Monsters

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Maryam Nazar Miraculous escape of a Delicate, beautiful, fairy girl- From a monster's den- Haunts her memory all the time. Memory lane speaks of A dreamy walk In a dusky evening Over a lonely street, Men, nay, monsters Picked her up forcibly To cage her in a Dark dingy room With several...
विद्या राजपूत एक ट्रांसवुमेन हैं। ‘मितवा’ समिति के माध्यम से उन्होंने एलजीबीटी और विशेष रूप से ट्रांसजेंडर्स के लिए अनेक सामाजिक व शैक्षिक कार्य सम्पन्न किए हैं। पुरुष तन में जन्म लेकर एक ट्रांसवुमेन के रूप में समाज के...
Dr. R.K. Singh बागों में जामुन, घर में पूड़ी खाते थे। वो भी क्या दिन थे, जब हम नानी के घर जाते थे।। दिन में छुपम छुपाई, शाम को गुल्ली डंडे पर डट जाते थे। वो भी क्या दिन थे, जब हम नानी...
Pankaj Bajpai कुम्भ भारतीय संस्कृति का महापर्व कहा गया है।इस पर्व पर स्नान,दान,ज्ञान मंथन के साथ ही अमृत प्राप्ति की बात भी कही जाती है।कुम्भ का बौद्धिक,पौराणिक,ज्योतिषीय के साथ साथ वैज्ञानिक आधार भी है।वेद भारतीय संस्कृति के आदि ग्रंथ हैं।कुम्भ...

Wind

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Maryam Nazar Oh brave wind! Untiring lone wanderer!! Adventurer!!! My love- My friend, I wish to be with you in your journey- From hills to plains, Sea to forest, Rivers to oceans, Day and night- Through silky, soft and- Rough weather- Whistling all the way- like a vagabond, With a family of three- The breeze The storm The...
Pankaj Bajapiआदिवासी समाज सदैव अपनी अनोखी परंपराओं के लिए पहचाना जाता है । ऐसी ही एक अनोखी परंपरा गुजरात राज्य के छोटा उदयपुर में लड़के के विवाह के समय पालन किया जाता है ।      इस समुदाय विशेष में लड़के...

गीत

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सुधियों के झुरमुट ना होते- तुम फिर मेरे पास न होते मुग्ध पलों के पृष्ठ बांचने- आये सावन के साक्षी घन खिड़की से कमरे में आकर- बूंदें दिखलातीं अपनापन खुशबू के आभास न होते- तुम फिर मेरे पास न होते चीड़ वनों में घाटी गायें- पर्वत श्रोता बन...
ज़िंदगी के गीत फिर से गुनगुनाने का समय आ गया है।कौन कहता है अब दुनिया से जाने का समय आ गया है।१। दोस्तो संग एक बार फिर ज़ाम छलकाने का समय आ गया है।कौन कहता है अब दुनिया से जाने...

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