Dr. Suresh Awasthi एक आदर्शवादी साध्वी ने एक सिद्धांतवादी सन्त को किसी बात को लेकर सरेआम गरियाया एक दूसरे को नीच, कमीना, कुत्ता और चरित्रहीन बताया। घटना के कुछ दिनों बाद जैसे ही चुनावी माहौल आया लोगों ने उन्हें एक ही मंच पर गाते बजाते पाया तो मेरा दिमाग चकराया मैने...
Dr. Suresh Awasthi गुरुदेव जब गुरुकुल पहुंचे बहुत गुस्से में थे। किसी ने उन्हें सूचना दी थी कि एक शिष्य ने दूसरे शिष्य के प्रति अपमानजनक भाषा का प्रयोग करके गुरुकुल की आचार संहिता तार तार कर दी है। गुरुदेव...
'रहिमन पानी राखिए, बिनु पानी सब सून,पानी बिना ऊबरै मोती, मानुष, चून' Dr. Suresh Awasthi दोहा रचते हुए महाकवि रहीमदास ने कभी नहीं सोचा होगा कि किसी दिन यह शहर पीने के एक एक बूंद पानी को तरसेगा। वैसे पानी एक...
Dr. Suresh Awasthi जरूरतों की जमीन पर स्वार्थ की खाद और छल प्रपंच के पानी से आज कल ये संस्क्रति तेजी से कर रही है ग्रो नाम है: यूज एंड थ्रो अर्थात : रिश्तों की सेहत प्रेम और विस्वास की आंच पर मत सेंको जब, जैसी जरूरत हो यूज करो, कूड़े में फेंको। शब्द...
Dr. Suresh Awasthi क्या करेगा चांद, क्या करेगी चांदनी? कविता की यह पंक्ति कई बार विशेष स्थितियों में याद आती है? उस दिन एक ठेकेदार साहब के संग बैठने का मौका मिला। सड़क बनाने के ठेके की डील हो रही...
Dr. Suresh Awasthi शिक्षक ने छात्र से पूछा, 'चोर चोर मौसेरे भाई' मुहावरे का अर्थ बताइये छात्र बोला सर ताजा ताजा उदाहरण है गौर फरमाइए अभी अभी हाल में टैगोर व मुखर्जी के बंगाल में एक चोर को बचाने के लिए रास्ट्रीय दीदी सिंहासन छोड़ कर संविधान की टांग तोड़ कर मैदान में...
Dr. Suresh Awasthi उस दिन अचानक हाथों से छूट गया कांच का बर्तन उफ एक झटके में कितने परिवर्तन फर्स पर बिखरी कांच को समेटने में लहूलुहान हो गईं उंगलियां फिर भी मैं रोया नहीं देर तक उंगलियों पर जमे लहू को भी भी धोया नहीं और उस दिन सीख लिया कांच...
Dr. Suresh Awasthi कुछ लोग गांधी पर बहस कर रहे थे एक बोला गांधी महान थे राजनीतिक उठा पटक से दूर सच्चे इंसान धे उन्होंने चलाया आन्दोलन सत्याग्रह स्वदेशी इसी लिये गाधी थे पक्के कांग्रेसी। दूसरा बोला गांधी जी ने दलितों को गले लगाकर उन्हे हरिजन की पदवी दिलवाई इससे...
Dr. Suresh Awasthi गुरुकुल में शिष्यों ने गुरुदेव के सामने चिडिय़ाघर में जाड़े की पिकनिक मनाने का प्रस्ताव रखा तो गुरुदेव नाराज हो गए। बोले,'क्या देखने जाओगे चिडिय़ाघर में? बंदर देखने हैं तो शहर के जिस मोहल्ले में निकलों खों...
Dr. Suresh Awasthi गुरुदेव जब दो दिनों तक गुरुकुल नहीं आए तो दो शिष्य उनकी कुटी में पहुंचे। वहां उन्हें जो दिखा व जोर का झटका धीरे से लगाने वाला था। गुरुदेव तख्त पर पालथी मारे ध्यानमुद्रा में बैठे थे।...

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